श्री राम स्तुति: रामचन्द्र कृपालु भजुमन (Shree Ram Stuti Shree Ramchandra Krupalu)
10 Jul 2020, 7:02 am Devotional Sarvagna Mehta 834
shree-ram-stuti-shree-ramchandra-krupalu.jpg
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥


मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥

जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास

Tags:-
ram vandana
shri ramchandra krupalu
shree ram vandana
shri raam stuti
Card image cap
श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)
Card image cap
श्री नृसिंह कवच: हिन्दी अर्थ सहित (Shri Narasimha Kavacham with hindi meaning)
Card image cap
श्री शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् (Shree Shiv Panchakshar Strotram)